राजस्थान के सपूत और सेना के एक जवान रामस्वरूप कस्वां की मौत पर हंगामा हो गया है। श्रीनगर (जम्मू-कश्मीर) में तैनाती के दौरान उनकी मौत की खबर मिली थी। परिवार ने कहा कि कस्वां शहीद हुए हैं, जबकि जिला सैनिक कल्याण अधिकारी ने इसे आत्महत्या करार दिया है। इसके विरोध में परिवार और ग्रामीणों ने गुरुवार को बीकानेर-जयपुर नेशनल हाईवे जाम कर दिया और जवान को शहीद का दर्जा देने की मांग की।

परिवार ने जिला सैनिक अधिकारी कर्नल यश राठौड़ को भी सस्पेंड करने की मांग रखी है। विरोध के कारण जवान का शव, पहले पांचू लाया जा रहा था, वापस आर्मी कैंट ले जाना पड़ा ।
24 वर्षीय रामस्वरूप कस्वां बीकानेर के पांचू के रहने वाले थे। शुरुआत में बताया गया कि ड्यूटी के दौरान फायरिंग में उनकी मौत हुई है, लेकिन बाद में इसे आत्महत्या बता दिया गया। गुरुवार सुबह साढ़े छह बजे कस्वां का शव बीकानेर लाया गया। परिवार और ग्रामीणों को उम्मीद थी कि शव चंद्र चौधरी स्मारक पर लाया जाएगा, लेकिन आर्मी ने सीधे पांचू जाने का निर्णय किया।
इसके बाद गुस्साए ग्रामीण और परिवार कैप्टन चंद्र चौधरी सर्किल पर विरोध प्रदर्शन करने लगे। जल्द ही बड़ी संख्या में लोग सर्किल पर जमा हो गए और बीकानेर-जयपुर नेशनल हाईवे जाम कर दिया।