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चंद्रमा और शनि के योग का ज्योतिषिय प्रभाव : ज्योतिष आचार्य अनिल पुरोहित

चंद्रमा और शनि के योग का ज्योतिषिय प्रभाव : ज्योतिष आचार्य अनिल पुरोहित

ज्योतिष आलेख

शनि मनुष्य जीवन में कर्म का कारक है तथा चंद्रमा मन का कारक है दोनों की युक्ति होने से व्यक्ति दिन भर अपने मन में कर्म के बारे में विचार करता है, यदि यह युक्ति नकारात्मक हो तो व्यक्ति अपने कर्म पर पश्चाताप करता है वहीं यदि यह युक्ति सकारात्मक हो तो मनुष्य कर्म में कुछ नवाचार और अच्छे विचार करते है। बहूत से जातक ऐसे भी देखें गए हैं जिनका उनकी माता का कार्य क्षेत्र होता है उसी क्षेत्र में प्रवेश करता है। ये भी देखने को मिलता है जिनकी माता किसी कार्य क्षेत्र में नहीं है तो वह मानसिक एवं शरिरीक रूप से कष्ट में रहने के योग बनते है। ऐसे जातक किसी की रखवाली करने के कार्य में आते है जैसे कोई पुलिस अधिकारी, सुरक्षा गार्ड इत्यादि। ऐसी युक्ति योग वाले व्यक्ति व्यापार जगत में खाने पिने वाले फिल्ड में आगे बढ़ते है। ज्योतिष शास्त्र के हिसाब से यह एक तरह का विष योग है लेकिन ज्योतिषिय सलाह से इसका सकारात्मक और नकारात्मक प्रभाव की तुलना कर बदलाव किया जा सकता है। ज्योतिष संबंधित विस्तृत जानकारी के लिए बीकानेर जिले के सुप्रसिद्ध ज्योतिष आचार्य अनिल पुरोहित के दुरभाष नंम्बर 9001704646 पर सीधे संपर्क किया जा सकता है।

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